आजमगढ़ मंडल में नौ साल पहले हुए थे नियुक्त, वेतन भत्तों की वसूली के आदेश
लखनऊ । फर्जी अंकपत्र, प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी करते पाए जाने पर आजमगढ़ मंडल में 2016 में नियुक्ति पाए 22 सहायक अध्यापकों को बर्खास्त कर दिया गया है। सभी से वेतन-भत्तों की वसूली करने के साथ एफआईआर दर्ज कराने के भी आदेश दिए गए हैं। वर्तमान में सभी शिक्षक विभिन्न जिलों के स्कूलों में तैनात हैं । तैनाती वाले जिले के जिला विद्यालय निरीक्षक को कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। बुधवार को माध्यमिक शिक्षा निदेशक डा. महेन्द्र देव ने शिक्षकों की बर्खास्तगी और उनसे वेतन की वसूली और मुकदमा दर्ज करने संबंधी आदेश जारी कर दिया।
आदेश में कहा गया है कि 2016 में आजमगढ़ मण्डल में सहायक अध्यापक (पुरुष – महिला) के रिक्त पदों पर चयनित अभ्यर्थियों के शैक्षिक अभिलेखों के सत्यापन तथा जांच में 22 अभ्यर्थियों के अंकपत्र प्रमाणपत्र कूटरचित एवं फर्जी पाए गए। लिहाजा नियुक्ति पाये सभी अभ्यर्थियों की सेवाएं समाप्त कर उनको अनियमित रूप से किए गए वेतन भुगतान की वसूली कराने एवं उनके विरुद्ध एफआईएआर दर्ज कराने के लिए संबंधित जिले के जिला विद्यालय निरीक्षक को निर्देश दिए गए हैं।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक बोले
उत्तर प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा निदेशक डा. महेन्द्र देव ने बताया कि पहले मेरिट के आधार पर नियुक्ति होती थी। बर्खास्त किए गए ज्यादातर अभ्यर्थियों के फर्जी अंक पत्र एवं प्रमाणपत्र सम्पूर्णा नन्द विवि एवं मोनार्ड विश्वविद्यालय के पाए गए हैं।